Gurugram News Network – साल 2016 में दो लोगों का अपहरण कर 50 लाख रुपए की फिरौती मांगने के मामले में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश तरुण सिंघल की अदालत ने पुलिस द्वारा पकड़े गए तीनों आरोपियों को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। अदालत ने उन पर 50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। पुलिस ने तीन आरोपियों को मुठभेड़ के बाद राजेंद्रा पार्क थाना एरिया से काबू किया था। इनके खिलाफ राजेंद्रा पार्क थाने में पुलिस पर जानलेवा हमला करने का भी केस दर्ज किया गया है जो अदालत में विचाराधीन है।
जानकारी के मुताबिक, फतेहाबाद के रहने वाले सुमित गोदारा ने पुलिस को दी शिकायत में कहा था कि उनके जीजा आकाशदीप अपने चचेरे भाई विकास के साथ गाड़ी में सवार होकर 27 सितंबर 2016 को अपनी बहन को दिल्ली एयरपोर्ट पर छोड़ने के लिए आए थे। सुबह करीब साढ़े 9 बजे उसे दिल्ली एयरपोर्ट पर छोड़कर आकाशदीप व विकास अपनी गाड़ी में सवार होकर गुरुग्राम गए थे। दोपहर करीब साढ़े 12 बजे उन्होंने आकाशदीप और विकास के नंबर पर कॉल की तो उन्होंने बताया कि वह चार घंटे में घर पहुंच जाएंगे, लेकिन आधे घंटे बाद उन्हें विकास का फोन आया जिसने उनसे 50 लाख रुपए मांगे। इसी दौरान उनसे फोन लेकर एक व्यक्ति ने बताया कि दोनों का अपहरण कर लिया गया है और उन्होंने दोनों को छोड़ने की एवज में 50 लाख रुपए की फिरौती मांगी।
इस सूचना के बाद वह अपने रिश्तेदार सूरत कुमार के साथ गुड़गांव पहुंचे और पुलिस को शिकायत देकर केस दर्ज कराया। मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने आईपीसी 364ए के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी। इस मामले में पुलिस की अपराध शाखा-2 सेक्टर-17 को सूचना मिली कि युवकों का अपहरण करने वाले गिरोह के दो सदस्य दिल्ली के इनामी बदमाश शक्ति उर्फ शारदा, करण उर्फ किम्मी उर्फ कुशल अपने एक अन्य साथी के साथ बलेनो गाड़ी में गुड़गांव में लूट की वारदात को अंजाम देने पहुंच रहे हैं। यह तीनों नजफगढ़ से गुरुग्राम के धनवापुर होते हुए जाएंगे। इस पर अपराध शाखा ने 8 नवंबर की रात को नाकाबंदी कर दी।
नाकाबंदी के कुछ देर बाद बिना नंबर की बलेनो गाड़ी आती दिखाई दी जिसे रुकवाने का प्रयास किया गया तो आरोपियों ने गाड़ी को भगा दिया और पुलिस पर फायरिंग कर दी। जवाबी कार्रवाई करते हुए पुलिस ने आरोपियों का पीछा किया। इस दौरान बलेनो गाड़ी धनवापुर के पास पलट गई जिसके बाद पुलिस ने तीनों को काबू कर लिया। इस पर राजेंद्रा पार्क थाना पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ एक अन्य केस भी दर्ज कर लिया। पूछताछ के दौरान आरोपियों से उक्त वारदात का भी खुलासा हुआ। मामला अदालत में चला। अभियोजन पक्ष ने अदालत में जो सबूत व गवाह पेश किए उनसे आरोपियों पर लगे अपहरण कर फिरौती मांगने के आरोप साबित हो गए। इस पर अदालत ने तीनों आरोपियों को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। अदालत ने उन पर 50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है।